भगवान गणपति को खुश करने के अनोखे मंत्र - Ganesh Mantra
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भगवान गणेश की महिमा बहुत निराली है। बता दें कि इनका उपासक कभी तकलीफ में नहीं रह सकता है… यही नहीं, कोई विघ्न-बाधा उसके समक्ष टिकता भी नहीं है।
चाहे आपके किसी भी काम में बाधा आ रही हो या फिर धन-संकट की समस्या हो तो जान लें कि भगवान गणेश की सच्ची उपासना कर आपको अपनी सारी परेशानियों से मुक्ति आसानी से मिल सकती है।
यूं तो भगवान गणेश की कई तरह से लोग पूजा करते हैं और वह हर तरह से भक्तों पर कृपा भी बरसाते हैं|
लेकिन आज वेद संसार आपको भगवान गणेश के कुछ ऐसे प्रभावशाली मंत्रों के बारे में बताने जा रहा है जिससे आपको कम, श्रम व समय में बड़ी उपलब्धि हासिल करना संभव होगा।
• मंत्र: वक्र तुंडाय हुम
पूजा विधि
छह लाख मंत्र के जप से पुरश्चरण होता है और इसके बाद गन्ना, सत्तू, केला, चिऊड़ा (चूरा/पोहा), तिल, मोदक, नारियल और धान के लावा को समान भाग में मिलाकर उससे दशांश हवन करने पर भी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
वहीं, पुरश्चरण के पश्चात उपरोक्त सारे वस्तुओं के साथ उससे थोड़े कम मात्रा में चिऊड़ा, नारियल एवं काली मिर्च को मिलाकर एक माह तक नित्य एक हजार मंत्र से हवन करने पर भी आपको बड़े लाभ की प्राप्ति होगी।
यही नहीं, अगर आप जीरा, सेंधा नमक एवं काली मिर्च के साथ पंद्रह दिन ही एक हजार मंत्र से हवन करते हैं तो आपका धन लाभ निश्चित होगा।
ध्यान रहे कि मूल मंत्र से प्रतिदिन 444 बार तर्पण किया जाए तो एक माह में ही मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
• मंत्र: हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा
पूजा विधि
इस खास मंत्र का सिर्फ 16 हजार जप करने की बात शास्त्रों में वर्णित है।
इसी से पुरश्चरण माना गया है लेकिन माना यह गया है कि 16-16 मंत्रों की कम से कम तीन आवृत्ति कर लेनी चाहिए।
वहीं, इसमें दशांश हवन की आवश्यकता नहीं है और पुरश्चरण के बाद निम्न विधि से काम करें –
1. जब कभी आप भोजन करें तो सबसे पहले भगवान गणपति के लिए ग्रासान्न को प्रसाद की तरह निकाल कर अलग से रख दें और फिर भोजन करते हुए जप करें।
बता दें कि इसी तरह रोज करने पर जप सिद्ध होगा।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कुबेर ने इसी मंत्र से नौ सिद्धियां पाईं थी व विभीषण और सुग्रीव ने भी इसी मंत्र से राज्य सिंहासन को हासिल किया था।
2. वहीं, मंत्र जप पूरी हो जाए तो उसके बाद मधु मिश्रित लाजा (चिरचिरी) से नित्य (एक माह तक) हवन करने पर संसार को वशीभूत कर अभीष्ट की प्राप्ति की जा सकती है।
यदि यह कार्य कन्या करे तो चाहे कितनी भी बाधा आ रही हो, उसका अच्छे वर से जल्द ही विवाह हो जाएगा।
• मंत्र: गुं नम:
पूजा विधि
एक लाख जप करने से किसी भी देवी-देवता की उपासना में आ रही विघ्न दूर हो सकती है तथा आत्मबल और धन में बढ़ोतरी भी होती है।
• मंत्र: श्रीं गं सौम्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानाय स्वाहा
पूजा विधि
तीन लाख जप के बाद दशांश सामान्य हवन करें। बेल के वृक्ष के नीचे जप करने पर धन वृद्धि अवश्य होती है।
वहीं, अशोक की लकड़ी से प्रज्ज्वलित अग्नि में घी मिश्रित चावल से हवन करने से संपूर्ण विश्व का वशीकरण होता है और पायस से हवन करने पर माता लक्ष्मी प्रसन्न हो जाती हैं।
• मंत्र: गं क्षित्र प्रसादनाय नम:
पूजा विधि
अगर आपकी पूजा में या फिर किसी साधना में बार-बार बाधाएं आए जा रही हैं |
आप सफलता पाते-पाते रह जाते हैं तथा विघ्न और कलह से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है तो इस खास मंत्र का नित्य एक हजार जप करें।
कुछ ही दिन में आपकी सारी बाधाएं खत्म हो जाएंगी।
• मंत्र: श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरद सर्वजन में वशमानाय स्वाहा
पूजा विधि
बताते चलें कि इस मंत्र का एक लाख जप करने से ही साधक में वशीकरण की ताकत बहुत बढ़ जाती है।
यही नहीं, लोग अनायास उसकी ओर खिंचे चले आते हैं और लोग इस मंत्र के साधक के हितैषी और प्रशंसक हो जाते हैं तथा विरोधी सामाप्त प्राय हो जाते हैं।
दोस्तों हम आशा करते हैं कि हमारे बताए गए मंत्रों को यदि आप सच्चे मन से जप करते हैं तो आपकी सारी इच्छाएं ज़रूर से पूरी होगी और आप एक खुशहाल ज़िंदगी जीएंगे।