घंटाकर्ण मंत्र - Ghantakarn mantra for fearlessness

घंटाकर्ण मंत्र - Ghantakarn mantra for fearlessness

घंटाकर्ण मंत्र :-

 

ॐ ह्रीं घंटाकर्णो महावीर, सर्वव्याधि-विनाशकः |

विस्फोटकभयं प्राप्ते, रक्ष रक्ष महाबलः |1|

 

यत्र त्वं तिष्ठसे देव, लिखितोऽक्षर-पंक्तिभिः |

रोगास्तत्र प्रणश्यन्ति, वात-पित्त-कफोद्भवाः |2|

 

तत्र राजभयं नास्ति, यन्ति कर्णे जपात्क्षयम् |

शाकिनी भूत वेताला, राक्षसाः प्रभवन्ति न |3|

 

नाकाले मरणं तस्य, न च सर्पेण दंश्यते |

 

अग्निचौरभयं नास्ति, ॐ श्रीं घंटाकर्ण !

नमोस्तु ते ! ॐ नर वीर ! ठः ठः ठः स्वाहा ||

(स मंत्र का 21 बार जप करने से राज-भय, चोर-भय, अग्नि और सर्प – भय, सब प्रकार की भूत – प्रेत – बाधा दूर होतें हैं | सर्व विपत्ति-हर्ता मंत्र है |