Mantras during pregnancy - गर्भावस्था के मंत्र

Mantras during pregnancy - गर्भावस्था के मंत्र

Pregnancy is an important part of life and mother needs special care and attention during this time to deliver a healthy baby. What mother does and thinks has a great impact on the baby during this critical time as described in Mahabharata story of Abhimanyu.

गर्भावस्था के बारेमें विस्तृत और वैज्ञानिक जानकारी होना भी अत्यंत आवश्यक है। आप यह गर्भावस्था मार्गदर्शक पुस्तिका भी कृपया पूरी तरह से पढ़े।

During pregnancy happy thoughts are important. It is also important that you do not chant any mantras that can have physiological impact on your body rather focus on light mantras.

गर्भावस्था के दौरान माँ को हमेशा अच्छे विचार मन में लाने चाहिए तथा सामान्य तरह की साधना करनी चाहिए। कठिन मन्त्र का जाप इस समय न करे तो बेहतर होगा।

कौनसे देवता इस समय आपके लिए अच्छे है : (Which are the important gods to worship during this time)

कृष्ण भगवन, राम, धन्वतरी, गणपती तथा लक्ष्मी। इसके आलावा आपकी कुलदेवता सबसे महत्वपूर्ण है। (Krishna, Ram, Dhanvantari, Ganapati and Laxmi. Most important God however is your Kuldevata).

Mantra:

ॐ नमो भगवते जगत्प्रसूतये नमः । (Om namoh bhagavateh jagatprasutaye namah ) (For Lord Gopal Krishna)

Ram - Please read Ramraksha every day.

For Dhanvantari:

Offer white cloth to a child. Offer food to an animal preferably cow.

For Laxmi:

Om Maha Vishu Mahalakshmi Namahae (For those who can not read devnagari read this simple mantra 108 times). 

For those who can read Sanskrit please chant following mantra.

।।ॐ नमो नमः।। पद्मानने पद्मिनि पद्म-हस्ते पद्म-प्रिये पद्म-दलायताक्षि। विश्वे-प्रिये विष्णु-मनोनुकूले, त्वत्-पाद-पद्मं मयि सन्निधत्स्व।। पद्मानने पद्म-उरु, पद्माक्षी पद्म-सम्भवे। त्वन्मा भजस्व पद्माक्षि, येन सौख्यं लभाम्यहम्।। अश्व-दायि च गो-दायि, धनदायै महा-धने। धनं मे जुषतां देवि, सर्व-कामांश्च देहि मे।। पुत्र-पौत्र-धन-धान्यं, हस्त्यश्वादि-गवे रथम्। प्रजानां भवति मातः, अयुष्मन्तं करोतु माम्।। धनमग्निर्धनं वायुर्धनं सूर्यो धनं वसुः। धनमिन्द्रा वृहस्पतिर्वरुणो धनमश्नुते।। वैनतेय सोमं पिब, सोमं पिबतु वृत्रहा। सोमं धनस्य सोमिनो, मह्मं ददातु सोमिनि।। न क्रोधो न च मात्सर्यं, न लोभो नाशुभा मतीः। भवन्ती कृत-पुण्यानां, भक्तानां श्री-सूक्तं जपेत्।।

For Ganesha worship. We recommend reading the simple Ganesha stotram:

For Kuldevata worship chant following mantra as many times as you want at any time of the day.

Shri Kuldevatabhyo namaha. Replace the word kuladevata with your kuldevata's name. For example if your kuldevata is Shri Mahalakshmi it will be "Shri Mahalaxmidevatabhyo nahama".

कुलदेवताकी सधना के लिए निम्न मंत्र पढ़े

श्री कुलदेवताभ्यो नमः

कुलदेवता शब् की जगह अपनी कुलदेवता का नाम ले | उदाहरणार्थ कुलदेवता का नाम शीतला ददेवी है तो श्री शीतलदेवताभ्यो नमः |